The best Side of shiv chalisa in hindi
The best Side of shiv chalisa in hindi
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भए प्रसन्न दिए इच्छित वर ॥ जय जय जय अनन्त अविनाशी ।
माना कि मैं तो पतित बहुत हूँ
मीठे रस से भरी रे, राधा रानी लागे,मने कारो कारो जमुनाजी रो पानी लागे
कवि का कहना है कि पक्षी और बादल भगवान के डाकिए हैं। जिस प्रकार डाकिए संदेश लाने का काम करते हैं, उसी प्रकार पक्षी और बादल भगवान का संदेश लाने का काम करते हैं। पक्षी और बादल की चिट्ठियों में पेड़-पौधे, पानी और पहाड़ भगवान के भेजे एकता और सद्भावना के संदेश को पढ़ पाते हैं। इसपर अमल करते नदियाँ समान भाव से सभी लोगों में अपने पानी को बाँटती है। पहाड़ भी समान रूप से सबके साथ खड़ा होता है। पेड़-पौधें समान भाव से अपने फल, फूल व सुगंध को बाँटते हैं, कभी भेदभाव नहीं करते।
बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि ॥ बुद्धिहीन तनु जानिके सुमिरौं पवन-कुमार ।
प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥
कानन कुण्डल नागफनी के ॥ अंग गौर शिर गंग बहाये ।
कबि कोबिद कहि सके कहाँ ते ॥१५॥ तुम उपकार सुग्रीवहिं कीह्ना ।
हिंदू संस्कृति में, संकष्टि चतुर्थी के दिन को बेहद शुभ माना जाता है। आज भगवान शिव को समर्पित है। सोमवार को भगवान शिव की shri hanuman ji ki aarti पूजा करने से भक्तों की सभी कठिनाइयों और दुखों से राहत मिलती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान शिव को प्रसन्न करना अपेक्षाकृत सरल है।
श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं - आरती
मेरे कहना पे टोना कर गयी गवालिन मस्तानी
गोस्वामी तुलसीदास की सूरदास जी से भेंट - सत्य कथा
ता पर होत है शम्भु सहाई ॥ ॠनियां जो कोई हो अधिकारी ।